गुटनिरपेक्ष | sheet yudh ka daur | politicalstudyhub
अगर हम शीत युद्ध के दायरे की बात करे तो इसका अर्थ हैं की शीत युद्ध के दौराम डोमो महाशक्तियों में सीधे मुठभेड़ जो की तीसरे विश्वयुद्ध का संकट खड़ा कर सकती थी | शीत युद्ध के दौरान ऐसी बोहोत सी परिस्तिथिया खड़ी हुई , कई देश आपस में लड़े और काफी बड़े हद तक जन हानि नहीं हुई। अफगानिस्तान और कोरिया जैसे देशो को तो काफी हद तक हुई खुनी लड़ाई हुई , घरेलु युद्ध हुए। कई बार ऐसी परिस्तिथि भी आई जब दोनों महाशक्तियों के बीच आपकी वार्तालाप न होने के कारण गलतफेहमिया बढ़ी। हालात बिगड़े लेकिन एक हद तक , इन्ही परिस्तिथियों को शीत युद्ध के दायरे कहा गया।political science notes शीत युद्ध के दायरे ऐसे कई अवसर आए जब युद्धों ने बहुत उग्र रूप ले लिया , महाशक्ति एक दूसरे के सामने सीधे खड़े हो गए और पूरी दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध के संकट को गहरा कर दिया , लेकिन स्थिति कुछ हद तक सीमित थी। 1965-62 में बर्लिन युद्ध | 1950-53 में कोरिया की लड़ाई | 1960 के