शीत युद्ध क्या? what is cold war? (I) | politicalstudyhub

शीत युद्ध क्या? what is cold war

 

शीत युद्ध क्या? इस प्रश्न के उत्तर को जानने से पहले हम शीत युद्घ से पहले के काल के बारे में कुछ जानेंगे जिसमें शीत युद्ध की नींव पड़ी |  ये बात सर्वव्यापक है की पहला विश्व युद्ध 1914-18 के मध्ये हुआ वही 1939-45  दूसरे विश्व युद्ध का दौर था| दूसरे विश्व युद्ध का अंत अमेरिका ने  जापान के दो बड़े शहरों ( हिरोशिमा-नगासाकी ) पर परमाणु बम गिराकर  किया| इसीके साथ शुरू हुआ शीत युद्ध का दौर| political science notes.

परिचय :

दूसरे विश्व युद्ध के अंत के बाद जापान और जर्मनी हार चुके थे और यूरोप  और  बाकि देश विध्वंश की मार झेल रहे थे| इस परिस्तिथि में ही दो अमेरिका और सोवियत संघ दोनों महाशक्ति के रूप में उभरे | दोनों महाशक्तियो के बीच टकराव ही शीत युद्ध का मुख्य कारण बना| दोनों महा शक्ति अपने आप में इतनी अधिक शक्तिशाली व परमाणु युक्त थी की किसी बड़े देश को बहुत  आराम से समाप्त कर सकते थे| क्युकी दोनों महाशक्तियो को  एक दूसरे की परमाणु शक्तियों की पूर्ण जानकारी थी यही कारण था की दोनों महाशक्तियां परमाणु युक्त होने के बावजूद भी किसी ने आणविक हथियार का प्रयोग नहीं किया| 

शीत युद्ध में किसी ने हथियारो का प्रयोग नहीं किया परन्तु उस दौर में भी कई देशो में घरेलु युद्ध होते रहे| इसी दौरान  विश्व दो धुर्वो में बंट  गया | ये जानने से पहले की विश्व दो धुर्वीय कैसे हुआ एक महत्व पूर्ण विषय पर चर्चा कर लेते हे|

क्यूबा मिसाइल संकट cold war


क्यूबा मिसाइल संकट :

क्यूबा अमेरिका से सटा हुआ एक देश था परन्तु सोवियत संघ क्यूबा को वित्तीय व सैनिक सहायता प्रदान करता था | १९६१ में सोवियत संघ के तत्कालीन नेता निकिता ख्रुश्चेव को ये आभास हुआ की  क्यूबा का जुड़ाव सोवियत संघ से हे परन्तु वे अमेरिका से सटा हुआ  हैं कही अगर अमेरिका ने क्यूबा को अपनी हथियारों के शक्ति के बलबूते पर अपने हित में कर लिया तो?  इसी चिंता के चलते निकिता ख्रुश्चेव ने क्यूबा पर परमाणु हथियार तैनात कर दिए जिसके कारण पहली बार अमेरिका नजदीकी निशाने पर आ गया| जब अमेरिका के राष्ट्रीय पति जॉन एफ केनेडी को इसका पता चला तो उन्होंने सोवियत संघ से अपने हथियार वापस लेने को कहे , परन्तु सोवियत संघ ने इस बात को नज़र अंदाज कर दिया | सोवियत संघ के इस रवैये के कारण अमेरिका ने जल मार्ग के जरिये आ रहे सोवियत संघी हथियारों के जहाजों को रोकने के लिए जंगी बेड़े भेज दिए | इस समय सारे विश्व में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा फ़ैल गया | इस बात का आभास समस्त विश्व को था की तीसरा विश्व युद्ध इतना अधिक विध्वंशी होगा की जीतने वाले देशो को भी बहुत अधिक मात्रा में विध्वंश की ही प्राप्ति होगी.| इसी भये के चलते सोवियत संघ ने अपने जहाज वापस मुड़वा लिए या जहाजों की रफ़्तार कम करवा दी और समस्त विश्व तीसरे विश्व युद्ध के विध्वंशी संकट से बच गया| इसी कारण क्यूबा मिसाइल संकट को शीत युद्ध का चरम बिंदु भी माना जाता हे |

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