शीत युद्ध के दौरान भारत की भूमिका

शीत युद्ध के दौरान भारत की भूमिका POLITICAL SCIENCE STUDY NOTES IN HINDI

 
भारत और शीत युद्ध 

गुटनिरपेक्ष क्या हैं और इसकी शीत युद्ध के दौरान क्या भूमिका थी इसके बारे में हम जान चुके हे | अब बात करते हे शीत युद्ध के दौराब भारत की क्या भूमिका थी | भारत ने शीत युद्ध के दौराम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | जहाँ  भारत ने बहुत ही सजग रूप  से अपने आप को दोनों महाशक्तियों के खेमे से दूर रखा वहीँ भारत ने नवस्वतंत्र देशो का भी महाशक्तियों के खेमे में जाने का विरोध किया | 

भारत के तत्कालीन नेता जवाहर लाल नेहरू ने जो निति अपने वे नकारात्मक और निष्क्रिय नहीं थी | वे समय समय पर अंतरराष्ट्रीय मामलो का हिस्सा बना और दोनों गुटों के बीच मतभेद  की स्थिति को भी रोकने में काफी हद तक शामिल रहा हलाकि भारत शीत युद्ध को समाप्त नहीं कर सका पर फिर भी उसने कई ऐसे मतभेदो में अपनी भूमिका निभाई जो तीसरे विश्व युद्ध का रूप ले सकता था , कोरिया युद्ध इस कथन का एक जीता जगता उदहारण है| 

ये बात याद रखने योग्य हैं की भारत के साथ अन्य देशो का भी जो गुटनिरपेक्ष आंदोलन में शामिल थे उनका भी शीत युद्ध के शांति स्थापित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | कई आलोचकों ने गुटनिरपेक्ष निति की आलोचना भी की | उनका मनना था की भारत गुटनिरपेक्ष के जरिये अपने हित को साधने में लगा हुआ हैं | गुटनिरपेक्ष जे आलोचकों ने बहुत सी आलोचनाएं की उनमे से दो महत्वपूर्ण हे जो की कुछ इस प्रकार हैं :

) भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन की आड़ में अपने हितो की पूर्ति करता हे | उन्होंने गुटनिरपेक्ष को सिद्धांतहीन  बताया और कहा की भारत अक्सर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मामलो पर कोई भी पक्ष लेने से बचता रहा हे | 

) आलोचकों ने भारत के व्यव्हार को अस्थिर और स्तिथि को विरोधाभासी बताया हैं | जब भी भारत को लगता हे की कोई महाशक्ति भारत पर अपना वर्चस्व जमाना चाहती हे तो उसने विपक्षी महाशक्ति के पक्ष में जाकर सहायता मांगी | जैसे की अगस्त १९७१ में भारत ने सोवियत संघ के साथ मित्रता की संदही की | जबकि भारतीय सरकार का पक्ष था की बंगदेश-संकट के समय भारत को वित्तीय और सैनिक सहायता की आवशयकता थी और इस संबधी के चलते वे अमेरिका सहित किसी भी देश से मित्रता कर सकता हैं | 

शीत युद्ध की विशेषताएं 12th class political science notes in hindi
 शीत युद्ध की विशेषताएं 

शीत युद्ध एक सर्वव्यापि  युद्ध था | दूसरे विश्व युद्ध के उपरांत शीत युद्ध थाना | पिछले अध्याय में हम ये जान चुके हे की शीत युद्ध क्या था ? इसकी नीव किसने रखी ? शीत युद्ध के दये क्या क्या थे ? अब हम शीत युद्ध से जुड़े एक और महत्वपूर्ण विषय के बारे में चर्चा करते हैं की शीत युद्ध की विशेषताएं क्या थी ? शीत युद्ध की विशेषताएं कुछ इस प्रकार थी:

  1. हथियारों की होड़ : शीत युद्ध को हथियारों की होड़ भी कहा जाता हैं द्वितये विश्व युद्ध के बाद दोनों महा शक्तियों ने अपना वर्चस्व फ़ैलाने की सोचो और अपने आपको सर्वाधिक शक्तिशाली दिखने की होड़ में हथियारों की होड़ शुरू की | दोनों महाशक्तिये को स्वयं को शक्तिशाली बनाने की लिए बहुत बड़ी मात्रा में हथियार और परमाणु हथियार बनाने शुरू किये जिसके चलते हथियारों की होड़ शुरू हो गई | 
  2.  विचारो की लड़ाई : दोनों महाशक्तियां अलग अलग विचारधारा का पालन करती थी | अमेरीका में पूंजीवादी विचारधारा को सर्वाधिक माना जाता था और अमेरिका पूंजीवादी विचारधारा का ही संचालक था वही दूसरी और सोवियत संघ साम्यवादी विचारधारा को सर्वोपरि मनता था और उसका मनना था की सामयवादी विचाधारा से ही उद्धार किया जा सकता हे | 
  3. शीत युद्ध की नींव ठंडी थी : वैसे तो शीत युद्ध के दौरान हथियारो की होड़ शुरू हो गई थी वही दोनों महा शक्तियों को एक दूसरे की हथियारों की शक्तियों का अंदाजा था वे ये बात बहुत अच्छे से जानते थे की यदि किसी एक ने अपने परमाणु बॉम का प्रयोग किया तो दूसरा भी उसका जवाब देगा परिणाम कुछ भी हो जींतने वाली महाशक्ति को भी एक हद तक हार का मुँह देखना पड़ेगा | 
  4.  विश्व दो खेमो में बट गया : शीत युद्ध के दौरान छोटे देशो ने महाशक्तियों के गुट में जाने का फैसला किया जिसके फ़लस्वरूप विश्व दो खेमो में बाटना शुरू हो गया।  
  5. गुटनिरपेक्ष आंदोलन : शीत युद्ध के दौरान जब विश्व दो गुटों में बाटना प्रारम्भ हुआ तो गुटनिरपेक्ष ने ही उन्हें दो धुर्वीयता को चुनौती दी और विश्व के नवस्वतंत्र देशो के लिए एक तीसरा विकल्प रखा।  


राजनीति विज्ञान अध्याय 1 के महत्वपूर्ण प्रश्न नीचे दिए गए हैं।

  1. शीत युद्ध क्या है?
  2. क्यूबा का मिसाइल संकट क्या था ?
  3. दो ध्रुवीय विश्व का आरम्भ कब किन परिस्थितियों में हुआ ?
  4. नाटो तथा वारसा पैक्ट सदस्य देश कौन से थे
  5. अन्य कम्युनिस्ट देश में कौन से देश शामिल थे ?
  6. शीत युद्ध के दायरे क्या थे ?
  7. शीत युद्ध का घटना क्रम क्या था ?
  8. गुट निरपेक्षता क्या है इनके संस्थापक कौन थे?
  9. UNCTAD क्या है ?
  10. शीत युद्ध में भारत की क्या भूमिका रही?
  11. परमाणु परीक्षण क्या था ! विभिन्न परमाणु संधियों के बारे में बताये ?

NOTE : उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर और NCERT पुस्तक के प्रश्न और उत्तर अगले विषय में दिए गए हैं | 

Comments

Popular posts from this blog

sikkim dance history | सिक्किम नृत्य इतिहास | sikkim nach itihaas

गुटनिरपेक्ष | sheet yudh ka daur | politicalstudyhub

दो धुर्वीय विश्व की शुरुआत ( start of two polar world ) politicalstudyhub cold war (ii)