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sikkim dance history | सिक्किम नृत्य इतिहास | sikkim nach itihaas

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 सिक्किम अपनी समृद्ध और अनोखी संस्कृति और परंपरा के संबंध में भारतीय संघ में एक अद्वितीय स्थान पाता है। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ विभिन्न संस्कृतियों, उनकी संस्कृतियों, धर्मों, परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ एक-दूसरे के साथ पूर्ण सामंजस्य स्थापित होता है और यह सिक्किम की संस्कृति को न केवल विशिष्ट बनाता है, बल्कि विभिन्न जातीय समुदायों की संस्कृति और परंपरा का एक आदर्श मिश्रण भी है। सिक्किम के तीन मुख्य जातीय समुदाय भूटिया, लेप्चा और नेपाली हैं। व्यापार समुदाय सिक्किम का चौथा जातीय समुदाय बनाता है जो मूल रूप से शहरी क्षेत्रों में बसे हैं। इन जातीय समुदायों की अपनी संस्कृतियां और परंपराएं हैं लेकिन अपने मुख्य त्योहारों को मनाने के समय, अन्य सभी जातीय समुदायों के सदस्यों को एक साथ एक ही उत्सव मनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह दर्शाता है कि सिक्किम लंबे समय से सार्वभौमिक भाईचारे यानी बासुधैवा कुटुम्बकम की भारतीय-पुरानी परंपरा का पालन कर रहा है। सिक्किम के तीन मुख्य जातीय समुदाय जहां तक ​​सिक्किम में जाति व्यवस्था का सवाल है, राज्य में कोई जाति व्यवस्था नहीं है। पुरुषों और महिलाओं दोनो
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एकल  धुर्वीयता   1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका ही सबसे बड़ी महाशक्ति बनकर दुनिया के सामने उभरा।  सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका ही एकमात्र सबसे बड़ी महा शक्ति था जो की आगे चलकर अपना वर्चस्व फैलाने में सफल रहा अमेरिका के इस भड़ते वर्चस्व व शक्ति के कारण विश्व एकल धुर्वीय बनके रह गया जिसे एक धुर्वीयता का दौर कहा गया। अर्थात 1995 में अमेरिकी वर्चस्व ने अपनी गति पकड़ ली । क्युकी सोवियत संघ अब सम्पूर्ण रूप से समाप्त हो गया था ,अन्यथा 1945 अर्थात शीट युद्ध के दौर में अमेरिकी वर्चस्व अंतराष्ट्रीय पटल पर आधारित था।  विभ्भिन क्षेत्रो में अमेरिकी वर्चस्व को आराम से देखा जा सकता हैं जो की कुछ इस प्रकार है।  1. ओप्रेशन डेजर्ट स्ट्रोम  1990 में कुवैत पर इराक द्वारा हमला कर दिया और उसपर कब्ज़ा कर लिया।  सर्वप्रथम UNO ने इराक को समझने बुझाने की कोशिश की परन्तु कुवैत के न मानने पर सयुंक्त राष्ट्रीय संघ ने कुवैत को छुड़ाने हेतु बल प्रयोग (युद्ध )  की अनुमति दे दी।  UNO के इसी अभियान को ऑपरेशन डेज़र्ट स्ट्रोम कहा जाता है।  अमेरिका के एक जनरल नार्मन श्वार्ज़कोव इस युद्ध के प्रमुख थे । वैसे तो इ

दो धुर्वीयता का अंत

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सोवियत संघ का विघटन  बर्लिंग के दिवार जो की वर्ष 1961 में बानी थी शीत युद्ध की प्रतीक मानी जाती थी परन्तु 9 नवम्बर 1989 में इस दीवार को  बर्लिंग  की जनता द्वारा गिरा दिया गय। ये दिवार पूंजीवादी और साम्यवादी विचारधरा के मध्ये संघर्ष का प्रतिक थी।  दिवार के गिराए जाने का परिणाम ये हुआ की 25 दिसम्बर 1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ।  विघटन के कारण ही कई बड़े देशो ने अपने आप को सोवियत संघ से अलग कर स्वयं को स्वतन्त्र घोषित कर दिया।  सोवियत संघ से स्वयं को अलग करने वाला पहला देश लिथुआना था जिसने मार्च  1990 में स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया।  वही जून 1990 में रूस ने भी खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया , जून 1991 में येल्तसिन ने सोवियद संघ की कम्युनिस्ट पार्टी से इस्तीफा दे दिया और रूस का राष्ट्रियपति बना।  25 दिसम्बर 1991 में गुरवाचैव द्वारा सोवियत के राष्ट्रीय पद से इस्तीफा लिया गया और इसकी के चलते 1917 में रूस बोल्शेविक क्रांति के बाद अस्तित्व में आया सोवियत संघ सम्पूर्ण रूप से विघटित हो गया।  इस उत्तर को जाने से पहले की सोवियत संघ के विघटन के कारण क्या थे ? हमे सोवियत प्रणाली के बारे में थ

शीत युद्ध का दौर (ERA OF COLD WAR) IMPORTANT QUESTIONS ANSWER

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अध्याय प्रथम "शीत युद्ध का दौर" से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न। 1. शीत युद्ध क्या है।   उत्तर  :   1945 में दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद शीत युद्ध की शुरुआत हुई।   अमेरिका ने जापान के दो बड़े नगरों हिरोशिमा नागासकि   पर परमाणु बम गैर कर दूसरे विश्व   युद्ध की समाप्ति की। जिसके फलस्वरूप दो महाशक्तियों ( सोवियत संघ और अमेरिका ) का जन्म   हुआ।   शीत युद्ध दो महाशक्तियों के मध्ये विचारधाराओ का युद्ध था।   शीत युद्ध सीधे सीधे हिंसक युद्ध नहीं था , दोनों महाशक्तियों ने शीत युद्ध के दौरान अपनी अपनी राजनैतिक और आर्थिक   नीतियों के आधार पर अपनी शक्ति का प्रचलन किया।   दोनों महाशक्तियों ने छोटे देशो को अपने पक्ष में लाने के लिए विभ्भिन संधि की और गुट बनाये उदहारण के लिए नाटो और वरसा संधि।   शीत युद्ध ने हथियारों के होड़ को जन्म दिया परन्तु तीसरा विश्वयुद्ध नहीं हुआ क्युकी दोनों महाशक्तिओ को एक दूसरे की ताकत का अंदाजा भली भाटी था।   2. क्यूबा का मसाइल